आईपीएल का 10वां सीजन शुरू होने में अब चंद दिन ही बचे हैं।
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह
धोनी के लिए यह सीजन किसी चुनौती से कम नहीं है। दरअसल, धोनी राइजिंग
पुणे सुपरजवाइंट की ओर से लगातार दूसरे साल खेलेंगे लेकिन आईपीएल इतिहास में पहली
बार होगा जब वह बतौर कप्तान नहीं खेलेंगे। धोनी को पुणे टीम की कप्तान पद से हटाए
जाने को लेकर लगातार सफाई दी जा रही है। लेकिन सच तो यह है कि आईपीएल कारोबार का वो मंच
है जहां न तो किसी की ख्याति को देखी जाती है और न ही किसी को भावनाओं से लगाव
होता है। यही वजह है कि इस रंगमंच पर
ईशांत शर्मा जैसे सबसे अनुभवी तेज गेंदबाज की बोली तक नहीं लग पाती है और अतीत के
पन्ने को पलटे तो बंगाल में विरोध
होने के बाद भी सौरभ गांगुली जैसे सफल कप्तान को कोलकाता नाइटराइडर्स टीम से एक ही
झटके में बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। यहां ‘मसीहा’ वही बनता है जो टीम मालिकों के पैसा बनाने का ‘मशीन’ बन जाता है। शायद
धोनी पुणे के लिए वो मुनाफे की ‘मशीन’ नहीं बन पाए जो आठ सीजन तक चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए साबित
हुए थे। ठीक 6 साल पहले भारत को विश्वकप खिताब दिलाने वाले माही पुणे के लिए संभवत: 'मनहुस'’ साबित हुए। यही वजह है कि टीम को उनकी कप्तानी से भरोसा उठ
गया है। ऐसा पहली बार है जब धोनी की कप्तानी से किसी का भरोसा डिगा है। वर्ना धोनी
की पहचान अपने प्रयोगों और रणनीति के जरिए टीम इंडिया को विश्वकप का खिताब दिलाने
वाले कप्तान के तौर पर होती है। धोनी वो कप्तान हैं जिनकी अगुवाई में चेन्नई सुपर
किंग्स ने दो खिताब अपने नाम किए। धोनी अब आॅस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीवन स्मिथ
की अगुवाई में खेलेंगे। यह देखना अहम होगा कि स्मिथ की कप्तानी में पुणे की टीम
किस मुकाम पर पहुंच पाती है।
पिछले साल संभाली थी कमान
पिछले साल चेन्नई
सुपरकिंग्स पर बैन के बाद धोनी को पुणे की नई
नवेली टीम की अगुवाई करने का मौका मिला। लेकिन नई टीम और नए खिलाड़ियों के साथ
माही तालमेल बिठाने में नाकाम रहे और यही वजह रही कि उनकी कप्तानी फ्लॉप साबित
हुई।
खुद भी जिम्मेदार
हैं माही
इस हालत के खुद
धोनी भी जिम्मेदार हैं। पिछले सीजन में धोनी ने अपने प्रशंसकों को निराश किया। धोनी
की कप्तानी में पुणे की टीम सातवें स्थान पर रही। पिछले सीजन में धोनी ने 14 मैच खेलकर सिर्फ 284 रन बनाए।
इसमें उन्होंने एकमात्र पचासा जमाया।
No comments:
Post a Comment
thanks