Wednesday 24 June 2015

भस्मासुर ललित मोदी

अमर उजाला में प्रकाशित मेरा विश्लेषण




इंट्रो:  इस शख्स ने एक भी गेंद नहीं खेली लेकिन बड़े - बड़ों के विकेट चटका दिए। यूपीए के राज्यमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा । आईपीएल जैसे क्रिकेट - तमाशे को नए सिरे से गढ़ने की नौबत आ गई और अब इसी शख्स की वजह से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की कुर्सी खतरे में पड़ गई। सब जानते हैं यह पंगेबाज शख्स और कोई नहीं ललित मोदी हैं।  क्रिकेट को पूंजी का खेल बना देने वाले ललित मोदी कोई साधारण इंसान नहीं हैं। इस डेंजरस खिलाड़ी की शख्‍सियत पर एक नजर...



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1980 के दशक की बात है। ललित मोदी की मां बीना और पिता कृष्ण कुमार मोदी ने उन्हें अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए अमेरिक भेजा तो ललित ने अपने लिए अपने मां-बाप से एक कार की मांग की। केके मोदी ने ललित को उस वक्त 5000 अमेरिकी डालर दिए और कोई कामचलाऊ कार खरीदने की सलाह दी। ललित को अपने पिता की यह सलाह पसंद नहीं आई और उन्होंने इस रकम से पहली किश्त भरकर मर्सीडिज बेन्ज (जिसकी कीमत उस वक्त अस्सी लाख रही होगी) खरीद ली।  
इस पर पिता तिलमिला गए और उन्होंने ललित को एक भावुक पत्र लिखा। 
उस पत्र में केके मोदी ने कहा, 
‘ प्रिय ललित, मैंने तुम में कभी कोई बड़ा सपना नहीं देखा और उम्मीद यही है कि आगे भी ऐसा हो लेकिन एक मांग जरूर है कि तुम अपने बड़े सपने देखने के लिए ऐसे कदम न उठाना कि हम शर्मिंदा महसूस करें। ’ 
दरअसल, ललित मोदी हमेशा से ही अमीर दिखने में विश्वास रखते थे इसके लिए उन्हें चाहे जो भी कीमत चुकानी पड़े। हालांकि ललित मोदी जिस कृष्ण कुमार मोदी के बेटे हैं वह 4000 करोड़ रुपयों की कीमत वाली मोदी समूह के अध्यक्ष हैं। ललित मोदी के दादा राज बहादुर गुजरमल मोदी ने देश की राजधानी से सटे मोदीनगर की स्थापना की थी। गुजरमल मोदी उस दौर के बड़े उद्योगपतियों में से एक थे। बचपन से ही ललित अमीर बाप की बिगड़ी औलाद की तरह हरकतें करते थे।  मसलन, वह स्कूल से अक्सर भाग आते थे। बिना ड्राइविंग लाइसेंस के दिल्ली की सड़कों पर फर्राटेदार गाड़ियां चलाते पाए जाते थे। पिता केके मोदी ने परेशान होकर पढ़ाई पूरी करने के लिए विदेश भेजा तो कोकीन के आदी बन गए और ड्यूक युनिवर्सिटी में पढ़ते समय 400 ग्राम कोकीन के साथ पकडे गए।  उन पर उस मामले में अपहरण और मारपीट का भी आरोप लगा। पिता के धनबल ने उन्हें उस मामले में किसी तरह बचाया। ललित मोदी के किस्से मोदीनगर के  लोगों को आज भी याद है। स्थानीय लोग बताते हैं कि ललित अपने दादा के सामने एक बार थाना प्रभारी को किसी छोटी सी बात पर चांटा रसीद कर दिया था। उनके बारे में कहा जाता है कि वह बहुत जल्दी आपा खो देते हैं। ललित को उसके दादा और दादी बहुत चाहते थे। वह जब तक रहे तब तक ललित मोदी नगर में आते - जाते रहे । जवानी के दिनों में ललित का कभी क्रिकेट से कोई लेना-देना नहीं रहा। मोदी का ईएस्पीएन (क्रिकेट चैनल ) से जुड़ाव और शाहरुख खान जैसों से दोस्ती ने क्रिकेट और मनोरंजन के क्षेत्र में घुसपैठ का उनका इरादा बनाया। 1999 में मोदी ने हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन में घुसपैठ की। उन दिनों हिमाचल प्रदेश में कोई क्रिकेट स्टेडियम नहीं हुआ करता था। मोदी ने एक स्टेडियम बनाकर वहां ग्रीष्मकालीन क्रिकेट की योजना पर काम शुरू किया लेकिन जब प्रेम कुमार धूमल हिमाचल के  मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने मोदी को बेदखल कर अपने बेटे को हिमाचल क्रिकेट एसोसिएशन का प्रमुख बना दिया। शरद पवार के बीसीसीआई के अध्यक्ष बनाने में बड़ोदरा के किरण मोरे और राजस्थान के रुंगटा परिवार ने बड़ी बाधाएं खड़ी की थीं। ऐसे में ललित मोदी शरद पवार के कैंप में घुस गए। अब मेहरबानी की बारी शरद पवार की थी। उन्होंने ललित पर राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन पर कब्जे की जिम्मेदारी सौंपी। रुंगटा परिवार पिछले 40 वर्षों से राजस्थान क्रिकेट पर कब्जा जमाए बैठा था। 32 जिला क्रिकेट संघों में कुल 57 सदस्य हुआ करते थे और सभी रुंगटा परिवार के रिश्तेदार थे जिसे ललित मोदी ने अपने पराक्रम से सदा सर्वदा के लिए समाप्त कर दिया। इसी पराक्रम ने उन्हें आईपीएल के कमिश्नर पद तक पहुंचा दिया। आईपीएल का कमिश्नर बनते ही ललित मोदी ने वर्चस्व का मायाजाल फैलाना शुरू कर दिया। और यहीं से शुरू हुई उनकी तिकड़म की राजनीति। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता शशि थरूर ने अपनी चहेती सुनंदा पुष्कर को कोच्ची की टीम में पर्सनल हिस्सेदारी क्या दिला दी ललित मोदी ने ट्विटर पर उनके खिलाफ  अभियान छेड़ दिया। मोदी इस कदर थरूर के पीछे पड़ गए कि उन्हें अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। यहीं से शुरू हुई मोदी के पतन की कहानी। उन पर साल 2010 में आईपीएल संचालन में पैसों की गड़बड़ी का आरोप लगा। इसके बाद मोदी को आईपीएल कमिश्नर के पद से निलंबित कर दिया गया। गड़बड़ी के आरोपों के बाद ललित मोदी ब्रिटेन चले गए थे तब से वह वहीं रह रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने मोदी के खिलाफ  नोटिस जारी किया हुआ है और इस मामले में ललित मोदी की तलाश कर रहा है। हालांकि सात समंदर पार बैठकर भी मोदी तिकड़मबाजी करने में लगे हुए हैं। पहले उन्होंने बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवासन के खिलाफ याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा को आर्थिक मदद की बात स्वीकारी और अब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया सहित राजनीति जगत की तमाम बड़ी हस्तियों को लपेटे में लेने में लगे हैं।   



वसुंधरा और ललित का रिश्ता पीढ़ियों पुराना 
ललित की दादी और राजस्थान की तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की मां राजमाता विजया राजे माता आनंदमयी की अनुयायी थीं। इनकी दोस्ती के चलते वसुंधरा और ललित में भी अच्छी दोस्ती हो गई जो संयोग से ललित से उम्र में 10 साल बड़ी हैं। वसुंधरा के कार्यकाल में ललित ‘सुपर चीफ  मिनिस्टर’ कहे जाते थे। ललित ने वसुंधरा को विश्वास में लेकर रुंगटा परिवार से राजस्थान क्रिकेट संघ छीनने के लिए सभी 57 सदस्यों के मताधिकार को समाप्त कर संघ पर कब्जा जमा लिया। इससे बोर्ड अध्यक्ष शरद पवार इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने ललित को बीसीसीआई का उपाध्यक्ष बना दिया। शरद पवार ने ललित मोदी को बीसीसीआई के वाणिज्यिक फैसलों का अधिकार क्या सौंपा ललित ने 2005 से 2008 के बीच बीसीसीआई की कमाई में सात  गुना वृद्धि करने में सफलता दिला दी। यहीं ललित को आईपीएल का कमिश्नर बनाने का कारण बना। मोदी पांच साल से लंदन में रह रहे हैं, लेकिन 2013 में उन्होंने  राजस्थान क्रिकेट अकादमी (आरसीए) का चुनाव भी लड़ लिया। 


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मोदीनगर और ललित का रिश्ता 
करीब 75 वर्ष पूर्व बेगमाबाद के नाम से जाना जाने वाला एक शहर किसी नवाब ने अपनी बेगम को खुश करने के लिए बसाया था। बेगमाबाद की किस्मत ने उस समय करवट ली जब 1933 में हरियाणा के मूल निवासी मुल्तानी मल मोदी के पुत्र रायबहादुर गुजरमल मोदी ने सबसे पहले यहां शुगर मिल स्थापित की। इसके बाद साल दर साल डेढ़ दर्जन से अधिक बड़ी इकाइयां स्थापित करके वह अकेले अपने दम पर इस छोटे से कस्बे को देश के औद्योगिक नक्शे पर लाने मे सफल रहे। इस छोटे से कस्बे में मोदी ग्रुप की कंपनियां मुर्गा छाप मोदी थ्रेड, मोदी काटीनेटंल, मोदी शूटिंग, लालटेन, इलेक्ट्राड साबुन, ग्लास, सिल्क एण्ड रेयानॅ मिल मोदी पेंट एण्ड फर्निचर जेवीसी रबर, वनस्पति बिस्कुट, टायर, सिगरेट आदि की स्थापना के बाद यह शहर मोदीनगर के रूप में जाना जाने लगा। वर्ष 1976 में रायबहादुर गुजरमल मोदी के र्स्वग वास के बाद शहर के उद्योग धंधों ने अपना दम तोड़ना शुरू कर दिया और वर्ष 2000 आते-आते लगभग सभी कंपनियां बंद हो गईं। । हालांकि कुछ दिनों तक कारोबार को गुरजमल के बेटे कृष्ण कुमार मोदी ने देखा। कृष्ण कुमार मोदी फिक्की के भी प्रमुख रहे। बाद में ललित मोदी के छोटे भाई समीर मोदी ने मोर्चा संभाला। बहन चारु भी पिता के कारोबार से जुड़ी हैं लेकिन ललित का परिवार से कोई बहुत ताल्लुक नहीं रहा। उन्होंने अपने परिवार की मर्जी की परवाह किए बगैर जब शादी की तो उनका परिवार से संबंध लगभग खत्म सा हो गया। 




ललित मोदी के उदय और पतन की कहानी
1999 :  हिमाचल प्रदेश से औपचारिक तौर पर क्रिकेट प्रशासन में कदम रखा लेकिन स्थानीय अधिकारियों के साथ खराब संबंध के कारण अगले ही साल पद से हटाए ग।ए
2004 :  मोदी ने रूंगटा बंधुओं किशोर और किशन को राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) से बाहर किया।
 2004: शरद पवार की अगुआई में जगमोहन डालमिया विरोधी गुट बना, जिसे एन श्रीनिवासन, शशांक मनोहर और ललित मोदी का समर्थन हासिल था। पवार विरोधी उम्मीदवार रणबीर महेंद्रा को हराने में विफल रहे जिन्होंने निवर्तमान अध्यक्ष डालमिया के निर्णायक मत से जीत दर्ज की।
 2005: 40 बरस की उम्र में मोदी बीसीसीआई के पांच उपाध्यक्षों में सबसे युवा रहे।
 2005: बीसीसीआई के मार्केटिंग समिति के अध्यक्ष के तौर पर मोदी ने नाइकी के साथ लाखों डॉलर का किट प्रायोजन करार किया और टीवी प्रसारण करार भी किया।
2008: मोदी ने लुभावनी इंडियन प्रीमियर लीग शुरू की। बीसीसीआई ने उन्हें आईपीएल अध्यक्ष और आयुक्त नियुक्त करते हुए सभी अधिकार दिए
2009: लोकसभा चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद आईपीएल दो का आयोजन दक्षिण अफ्रीका में कराया।
 2009: मोदी आरसीए अध्यक्ष पद चुनाव में आईएएस अधिकारी संजय दीक्षित से हारे जो राज्य क्रिकेट संघ के सबसे विवादास्पद चुनाव में से एक रहे।
 2010: कई ट्वीट की श्रृंखला में कोच्चि टसकर्स केरल के शेयरधारकों का खुलासा किया और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की दिवंगत सुनंदा पुष्कर की फ्रेंचाइजी में लगभग 70 करोड़ की ‘स्वेट इक्विटी’ के बारे में भी बताया। मोदी ने शशि थरूर की संलिप्तता के बारे में भी लिखा और इस केंद्रीय मंत्री को इस विवाद के बाद इस्तीफा देना पडा।
 2010 : सरकारी एजेंसियों ने वर्ष 2009 के आईपीएल से जुडे़ वित्तीय अनियमितताओं और अन्य मुद्दों पर ललित मोदी और बीसीसीआई के खिलाफ  जांच शुरू की।
 2010 : बीसीसीआई ने आईपीएल तीन के फाइनल के खत्म होने के तत्काल बाद मोदी को वित्तीय अनियमितता के आरोप में निलंबित कर दिया।
 2010: अंडरवर्ल्ड से धमकी का हवाला देकर देश से भागे और ब्रिटेन में शरण मांगी। प्रवर्तन निदेशालय ने उनके खिलाफ  ब्ल्यू कार्नर नोटिस जारी किया। पासपोर्ट भी रद्द किया गया।
 2011 : बीसीसीआई ने अपनी वार्षिक आम बैठक में जांच समिति बनाई जिसने मोदी के खिलाफ  अनुशासनात्मक कार्रवाई की। इस समिति की अध्यक्षता बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने की। कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन समिति के अन्य सदस्य थे।
 2012 : मोदी ने यह स्वीकार किया कि श्रीनिवासन की मदद के लिए और चेन्नई सुपर किंग्स में इंग्लैंड के हरफनमौला खिलाड़ी एंड्रयू फ्लिंटाफ  को शामिल कराने के लिए नीलामी में छेड़छाड़ में उनका हाथ था। श्रीनिवासन ने आरोपों को खारिज किया।
 2013 : अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली आईपीएल की अनुशासन समिति ने मोदी पर आजीवन प्रतिबंध की सिफारिश की और इसके बाद बीसीसीआई ने उन्हें प्रतिबंधित किया। मोदी अदालत की शरण में पहुंचे।
 2014 : राजस्थान क्रिकेट संघ के अध्यक्ष चुने गए और उसके तुरंत बाद बीसीसीआई ने आरसीए पर प्रतिबंध लगा दिया और सभी वित्तीय मदद वापस ले ली। मामला अदालत में विचाराधीन है।

2014 : 27 अगस्त को दिल्ली उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने मोदी के पासपोर्ट को पुन: बहाल किया।


आलीशान है मोदी की लाइफ - स्टाइल 
एक आंकड़े के मुताबिक ललित मोदी की अब तक की व्यक्तिगत कमाई लगभग 36 अरब रुपये की है। लंदन के प्रतिष्ठित 117 स्लोएन स्ट्रीट पर उनका पांच मंजिला पैलेस है, जो कि 7000 स्क्वैयर फीट में फैला है। इस आलीशान बंगले में आठ डबल बेडरूम, सात बाथरूम, दो गेस्ट रूम, चार रिसेप्शन रूम, दो किचन और एक लिफ्ट हैं। यही नहीं दुनिया के कई अन्य देशों में भी उनकी प्रॉपर्टी बताई जाती हैं।  ललित मोदी स्पोर्ट्स कारों के बेहद शौकीन हैं। उनके कलेक्शन में तेज-तर्रार स्पोर्ट्स कारें शुमार हैं। मोदी ट्विटर पर अपनी ऐशो - आराम की जिंदगी वाली तस्वीरें डालते रहते हैं। पेरिस हिल्टन और नाओमी कैंपबेल जैसी सुपरस्टार के साथ उनकी तस्वीरें हैं। आईपीएल की बदौलत भी उन्होंने बहुत संबंध कमाए हैं। बॉलीवुड में शाहरुख से लेकर प्रीति जिंटा और दीपिका पादुकोण तक उनके करीबी दोस्त हैं। राजनीति जगत में राजीव शुक्ला, वसुंधरा राजे और सुषमा स्वराज और उनके परिवार से मोदी की करीबियां हैं।

मोदी का टशन 
ललित मोदी के बारे में कई ऐसे तथ्य हैं जो साबित करते हैं कि वह हमेशा सत्ता प्रतिष्ठान के करीबी रहे हैं बल्कि ‘टशन’ के मामले में भी वह किसी से कम नहीं। वसुंधरा राजे सिंधिया के पहले शासनकाल (2003-2008) में ललित मोदी राजस्थान में सत्ता के अहम केंद्र हो गए थे। हालत यह थी कि प्रदेश के ब्यूरोक्रेट्स ललित मोदी की अकड़ से खुद को आहत महसूस करते थे। बताया जाता है कि वह वसुंधरा के सामने सेंट्रल टेबल पर पैर रखकर बैठते थे।  साल 2005-2006 में मोदी ने जयपुर के बेहद मंहगे और मशहूर रामबाग पैलेस होटल को ही अपना घर बना रखा था। वह भी सिर्फ  इसलिए क्योंकि यहां से सिर्फ  सड़क पार करने पर सवाई मान सिंह क्रिकेट स्टेडियम था, जहां क्रिकेट एसोसिएशन दफ्तर भी था। मोदी के साथ एक बड़ा विवाद नवंबर, 2008 में जुड़ा। इस समय उन्होंने भारत पाकिस्तान मैच के दौरान एसएमएस स्टेडियम में तिरंगे पर शराब परोसी। मामले में मोदी पर तिरंगे को मेजपोश की तरह इस्तेमाल करने और उस पर शराब परोसने के आरोप हैं। मीडिया में भी कई फोटो आए। मामला कोर्ट में है। 


टी-20 क्रिकेट जैसी रही मोदी की प्रेम कहानी 
ललित मोदी को विदेश में पढ़ाई के दौरान अपनी मां की सहेली मीनल से प्रेम हो गया। मीनल उम्र में मोदी से नौ साल बड़ी थीं। बावजूद इसके दोनों के बीच प्यार परवान चढ़ने लगा। हालांकि मोदी मीनल को शादी के लिए प्रपोज नहीं कर पाए। इसके चलते मीनल की शादी एक नाइजीरियाई व्यापारी से तय हो गई। शादी से ठीक एक दिन पहले ललित मोदी ने मीनल को शादी के लिए प्रपोज किया। ऐन वक्त पर ये प्रस्ताव सुनकर मीनल काफी चौंक गई और मोदी पर गुस्सा हो गई। इसके बाद मीनल ने मोदी से चार साल तक बात नहीं की। मीनल की शादी के बाद भी मोदी उनका इंतजार करते रहे। मीनल की शादी ज्यादा दिनों तक नहीं चली और उनका तलाक हो गया। तलाक ने मीनल को मोदी के और करीब कर दिया। हालांकि दोनों के रिश्ते का परिवार में जमकर विरोध हुआ। लेकिन दोनों के प्रेम के आगे परिवार को घुटने टेकने पड़े। इसके बाद 1991 में दोनों ने विवाह कर लिया। मोदी ने मीनल की पहले पति से हुई बेटी करीमा को अपना नाम दिया। करीमा की शादी डाबर ग्रुप के मालिक विवेक बर्मन के बेटे गौरव से कराई। गौरव के भाई की आईपीएल टीम किंग्स इलेवन पंजाब में हिस्सेदारी भी है। मोदी के एक बेटी और एक बेटा है। बेटी का नाम आलिया है और वह स्विट्जरलैंड में पढ़ाई करती है। जबकि बेटे का नाम रुचिर है।


सबसे शक्तिशाली चेहरों में से एक 
इंडिया टूडे पत्रिका के अनुसार ललित मोदी 21 वीं सदी में भारत के 20 सबसे शक्तिशाली लोगों में सूचीबद्ध हैं। उन्हें इसलिए सम्मिलित किया गया क्योंकि 2005 में बोर्ड में उनके शामिल होने के बाद से बीसीसीआई के राजस्व में सात गुना वृद्धि हुई ।  2008 अगस्त अंक की प्रमुख खेल पत्रिका स्पोर्ट्स प्रो द्वारा वैश्विक आंकड़ों के खेल से जुड़े पावर लिस्ट में उनकी गणना 17 नंबर पर की गई। उन्हें बेस्ट रेन मेकर (पैसा निर्माता) के रूप में किसी भी खेल के क्षेत्र में विश्व भर के खेल के इतिहास में स्थान मिला। इतने कम समय में वह एक ऐसे खेल प्रशासक बने जिन्होंने अपने संगठन के लिए चार अरब अमरीकी डॉलर जुटाया है। इतना सब कुछ उन्होंने अवैतनिक क्षमता में रहते हुए किया। द टेलीग्राफ  ने उन्हें क्रिकेट के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति के रूप में वर्णित किया है। टाइम मैगजीन (जुलाई 2008) ने उन्हें 2008 के लिए दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खेल कार्यकारी अधिकारियों की सूची में 16 नंबर पर रखा। अक्टूबर 2008 अंक के अंतरराष्ट्रीय व्यापार पत्रिका बिजनेस वीक में ललित मोदी को विश्व में 25 सबसे शक्तिशाली खेल वैश्विक आंकड़ों की सूची में 19 नंबर पर स्थान मिला। ललित मोदी ने मोस्ट इनोवेटिव बिजनेस लीडर ऑफ इंडिया (भारत के सबसे नवप्रवर्तनशील व्यापारिक नेता) का पुरस्कार भी प्राप्त किया। डीएनए अखबार ने भारत में 50 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में उन्हें 17 वें स्थान पर क्रमित किया।

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