Sunday 23 October 2016

ट्रंप में हमारी दिलचस्पी क्यों?

अमेरिका में किसकी सरकार बनेगी, इस पर जितनी बहस वहां हो रही है उससे कहीं ज्यादा चर्चा भारतीय सोशल मीडिया पर है। भारतीय सोशल मीडिया पर आए दिन हिलेरी क्लिंटन और डोनाल्ड ट्रंप ट्रेंड कर रहे हैं।  एक सर्वे में पता चला है कि इन दिनों भारत का हर चौथा यूजर अमेरिका चुनाव से संबंधित ट्वीट कर रहा है। दिलचस्प बात यह है कि इनमें से अस्सी फीसदी ट्वीट या फेसबुक पोस्ट रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के लिए हो रहे हैं। ऐसे में सवाल है कि क्या सच में भारतीय सोशल मीडिया के धुरंधर अमेरिका की राजनीति में इतनी दिलचस्पी रख रहे हैं या फिर इसका कुछ और हीं खेल है? आइए हम समझाते हैं इस गणित को। दरअसल, चुनाव को ध्यान में रखते हुए अमेरिकी मीडिया मुगल डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर कब्जा जमा रखा है और उन्होंने इसका जाल भारत तक फैलाया है। डोनाल्ड ट्रंप ने करीब साल भर पहले ही इसकी शुरुआत कर दी थी। यहां तक कहा जाने लगा था कि डोनाल्ड ट्रंप किसी पार्टी के नहीं, ट्विटर के उम्मीदवार हैं। बहरहाल, भारत में ट्रंप के लिए काम उत्तर प्रदेश के नोएडा से साइबर टीम कर रही है। “जनमत कॉनेक्ट” नाम की इलेक्शन कैंपेन मैनेजमेंट करने वाली ये टीम अमेरिकी प्रवासी भारतीयों को ट्रंप के पक्ष में समर्थन देने के लिए कॉंटेंट डेवलपमेंट का काम कर रहे हैं। इस टीम के क्रिएटिव हैड गिरीश पाण्डेय के मुताबिक “जनमत कॉनेक्ट” की टीम इंडिया सपोर्ट ट्रंप, ट्रस्ट ट्रंप और गियर अप ट्रंप तीन तरह के अभियान के लिए कॉन्टेंट डेवलपमेंट कर रही है।  इस काम को करने के लिए डोनाल्ड ट्रंप की समर्थक मेरिमा विचर भी सहयोग दे रही हैं। वह ट्रंप के ऊपर एक किताब लिख चुकी हैं और उनके चुनावी अभियान प्रबंधन की टीम का अहम हिस्सा हैं।  इस टीम का मकसद अमेरिका में रह रहे प्रवासी भारतीय वोटरों को लुभाना होता है। अमेरिकी चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ और जिक्र करना इसी रणनीति का हिस्सा है। यहां से टीम कई तरह के सलाह देती है।

सोशल फ्रेंडली हैं अमेरिकी युवा
एक अमेरिकी संगठन के शोध में पता चला कि वहां 18 से 24 साल तक के युवाओं के बीच सोशल मीडिया एक बहुत बड़ा संपर्क सूत्र है। यह वर्ग सबसे पहले सोशल मीडिया पर कोई भी जानकारी हासिल करता है। इस आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या 34 प्रतिशत बताई जाती है। अमेरिका में हुई एक अन्य रिसर्च के अनुसार 15 से 25 वर्ष की आयु के लोग 41 प्रतिशत हैं और वह अपने किसी भी राजनीतिक कार्य के लिए सोशल मीडिया पर ही चर्चा करना उचित समझते हैं। ये युवा सोशल वेबसाइट पर तो अपने विचारों को प्रकट करते ही है, साथ ही मोबाइल के एप्स पर भी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बारे में टिप्पणियां और उनके वीडियो शेयर करते है।



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