सोशल मीडिया पर जो लोग सक्रिय रहते हैं शायद उनके लिए कंदील बलोच का नाम न तो अनजाना है और न ही उनके कारनामों से लोग अनजान हैं। बलोच अंधधर्म, आतंक और फतवों के साए में सड़ रहे पाकिस्तान की मॉडल जरूर थीं लेकिन उनमें से एक नहीं, उनसे जुदा थी। उन्हें न तो बुर्के में रहना पसंद था और न ही धर्मगुरुओं के कुरान की बातों में यकीन था। वह बदनाम जरूर थीं लेकिन पाकिस्तान की मूल समस्याओं से अनजान नहीं। दरअसल, कंदील ने उस तहजीब पर हमला बोला था, जिसकी दुहाई देने वालों की फौज गला दबाने को बैठी थी। यह अलग बात है कि उनके तरीकों ने उन्हें ड्रामा क्वीन बना दिया लेकिन सच यह है कि कंदील की मौत ने एक ही झटके में पाकिस्तान के सड़े हुए उस समाज की रूपरेखा खींच दी, जिसको देखने के लिए न तो वहां की हुकुमत तैयार है और न ही वहां का समाज। आपसी रंजिश, वाद- विवाद, सहमति- असहमति जैसे तमाम पहलू हैं जो इस संवेदनहीन समाज में हत्या के लिए काफी हैं लेकिन जब मौत सिर्फ इसलिए कर दी जाए कि लड़की ने परंपरा को नकारते हुए अपना अंग प्रदर्शन किया है तो समझ लीजिए, हर दिन आपका समाज और आप गर्त में जा रहे हैं।
कंदील के कुछ चर्चित बयान हैं जो यह बताने को काफी हैं कि वह किस कदर हर दिन - हर पल पाकिस्तान के बुर्केधारी समाज को चुनौती दे रही थीं -
- लोग कहते हैं कि मैं पाकिस्तान को बदनाम कर रही हूं। लेकिन मैं रूकूंगी नहीं, इतना तो तय है कि मै सर पर दुप्पटा ओढ़ने वाली नहीं हूं। पाकिस्तान के एक और इंटरनेट सेंसेशन ताहेर शाह से तुलना किया जाना मुझे पसंद नहीं। मैं मॉडल-एक्ट्रेस हूं और वह जोकर है।
- मैं पढ़ना चाहती थी, लेकिन मुझे पढ़ने नहीं दिया गया। अब मैं कामयाब हूं तो कई लोग मुझसे पैसे ऐंठने के लिए आने लगे हैं ।
उस वीडियो को देख लीजिए, जिसने ली बलोच की जान
.. ऊंची थी उड़ान
खुद को कुंवारी बता कर फैशन इंडस्ट्री में दाखिल होने वाली बलोच के बारे में कहा जाता था कि उसकी एक नहीं, तीन शादियां हुईं और वो सात साल के एक बच्चे की मां भी थी। आशिक हुसैन नाम के एक शख्स ने बलोच का पति होने का दावा किया था। पेशावर में सिलाई-कढ़ाई की दुकान चलाने वाले शाहिद इकबाल ने भी कहा था कि उन दोनों ने करीब 13 साल पहले कंदील के परिवार से छुप कर शादी की थी। इकबाल ने ही बताया था कि 2008 में कंदील की पहली शादी हुई थी और उनका एक बेटा भी है। जिसे बाद में पैसों और शोहरत के लिए कंदील छोड़ कर चली गई। बाद में एक उर्दू चैनल से अपनी शादी के बारे में बात करते हुए कंदील ने माना कि आशिक हुसैन से उनकी शादी हुई थी और उनका एक बेटा भी है। इन बातों के बाद बलोच माना था कि उसने अपने बेटे की कस्टडी के लिए दावा भी किया था, पर उस समय आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण उसने बच्चे को उसके पिता को सौंप दिया और फिर कभी जाहिर नहीं किया कि वो उसकी मां हैं। कंदील के अनुसार उनकी ये शादी 18 साल की उम्र में उनके माता पिता ने जबरदस्ती कर दी थी, जबकि वे पढ़ना चाहती थी और उस गंवार इलाके में नहीं रहना चाहती थी, जहां पढ़ाई पर पाबंदी थी। वहीं आशिक का कहना है कि उसकी शादी किसी की जबरदस्ती के कारण नहीं हुई थी, बल्कि उनकी लव मैरिज थी। सबूत के तौर पर उन्होंने कंदील के खून से लिखे खत भी दिखाए थे, जो बेहद रोमांटिक थे।
पाकिस्तान में महिलाओं की हालत भी जान लीजिए
यह सच है कि पाकिस्तान में महिलाओं के साथ जानवरों जैसा व्यवहार होता है। पाकिस्तान के बनने के करीब साठ दशक बाद भी यहां महिलाएं दुनिया के किसी भी देश की तुलना में अधिक पिछड़ी हैं। यातना, प्रताड़ना, दुष्कर्म, वैवाहिक दमन और सम्मान के नाम पर हत्याएं आम बातें हैं, इसलिए इन पर बहुत शोर नहीं होता। पाकिस्तान ऐसे तत्वों को लेकर समझौतावादी हो गया है जो धर्म के नाम पर समाज पर अपनी दकियानूसी सोच थोपना चाहते हैं। मुख्तारन माई (सामूहिक दुष्कर्म की शिकार) और मलाला जैसी कुछ पीड़िताओं ने अपनी कोशिशों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति और सराहना पाई। लेकिन, इन्हें भी पाकिस्तान में जश्न मनाने की अनुमति नहीं। लैंगिक समानता के मामले में पाकिस्तान दुनिया का दूसरा सबसे बदतर देश है। हर साल 5 हजार से ज्यादा महिलाएं घरेलू हिंसा में मार दी जाती है। हैरानी की बात तो ये है कि पाकिस्तान में घरेलू हिंसा को क्राइम नहीं माना जाता है। वर्तमान में पकिस्तान में स्त्रियों की हालत का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि पिछले साल ही पाक में 1100 मामले महिलाओं की ऑनर किलिंग के थे तथा आत्महत्या के मामले भी कम नहीं थे। पिछले साल महिलाओं के खिलाफ 8 हजार मामले दर्ज किए गए। पुलिस स्टेशन, अदालत और शिकायत प्रकोष्ठों में दर्ज घटनाओं के अनुसार, वर्ष 2008 से 2011 के बीच महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में 13 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
कंदील के कुछ चर्चित बयान हैं जो यह बताने को काफी हैं कि वह किस कदर हर दिन - हर पल पाकिस्तान के बुर्केधारी समाज को चुनौती दे रही थीं -
- लोग कहते हैं कि मैं पाकिस्तान को बदनाम कर रही हूं। लेकिन मैं रूकूंगी नहीं, इतना तो तय है कि मै सर पर दुप्पटा ओढ़ने वाली नहीं हूं। पाकिस्तान के एक और इंटरनेट सेंसेशन ताहेर शाह से तुलना किया जाना मुझे पसंद नहीं। मैं मॉडल-एक्ट्रेस हूं और वह जोकर है।
- मैं पढ़ना चाहती थी, लेकिन मुझे पढ़ने नहीं दिया गया। अब मैं कामयाब हूं तो कई लोग मुझसे पैसे ऐंठने के लिए आने लगे हैं ।
उस वीडियो को देख लीजिए, जिसने ली बलोच की जान
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खुद को कुंवारी बता कर फैशन इंडस्ट्री में दाखिल होने वाली बलोच के बारे में कहा जाता था कि उसकी एक नहीं, तीन शादियां हुईं और वो सात साल के एक बच्चे की मां भी थी। आशिक हुसैन नाम के एक शख्स ने बलोच का पति होने का दावा किया था। पेशावर में सिलाई-कढ़ाई की दुकान चलाने वाले शाहिद इकबाल ने भी कहा था कि उन दोनों ने करीब 13 साल पहले कंदील के परिवार से छुप कर शादी की थी। इकबाल ने ही बताया था कि 2008 में कंदील की पहली शादी हुई थी और उनका एक बेटा भी है। जिसे बाद में पैसों और शोहरत के लिए कंदील छोड़ कर चली गई। बाद में एक उर्दू चैनल से अपनी शादी के बारे में बात करते हुए कंदील ने माना कि आशिक हुसैन से उनकी शादी हुई थी और उनका एक बेटा भी है। इन बातों के बाद बलोच माना था कि उसने अपने बेटे की कस्टडी के लिए दावा भी किया था, पर उस समय आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण उसने बच्चे को उसके पिता को सौंप दिया और फिर कभी जाहिर नहीं किया कि वो उसकी मां हैं। कंदील के अनुसार उनकी ये शादी 18 साल की उम्र में उनके माता पिता ने जबरदस्ती कर दी थी, जबकि वे पढ़ना चाहती थी और उस गंवार इलाके में नहीं रहना चाहती थी, जहां पढ़ाई पर पाबंदी थी। वहीं आशिक का कहना है कि उसकी शादी किसी की जबरदस्ती के कारण नहीं हुई थी, बल्कि उनकी लव मैरिज थी। सबूत के तौर पर उन्होंने कंदील के खून से लिखे खत भी दिखाए थे, जो बेहद रोमांटिक थे।
पाकिस्तान में महिलाओं की हालत भी जान लीजिए
यह सच है कि पाकिस्तान में महिलाओं के साथ जानवरों जैसा व्यवहार होता है। पाकिस्तान के बनने के करीब साठ दशक बाद भी यहां महिलाएं दुनिया के किसी भी देश की तुलना में अधिक पिछड़ी हैं। यातना, प्रताड़ना, दुष्कर्म, वैवाहिक दमन और सम्मान के नाम पर हत्याएं आम बातें हैं, इसलिए इन पर बहुत शोर नहीं होता। पाकिस्तान ऐसे तत्वों को लेकर समझौतावादी हो गया है जो धर्म के नाम पर समाज पर अपनी दकियानूसी सोच थोपना चाहते हैं। मुख्तारन माई (सामूहिक दुष्कर्म की शिकार) और मलाला जैसी कुछ पीड़िताओं ने अपनी कोशिशों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति और सराहना पाई। लेकिन, इन्हें भी पाकिस्तान में जश्न मनाने की अनुमति नहीं। लैंगिक समानता के मामले में पाकिस्तान दुनिया का दूसरा सबसे बदतर देश है। हर साल 5 हजार से ज्यादा महिलाएं घरेलू हिंसा में मार दी जाती है। हैरानी की बात तो ये है कि पाकिस्तान में घरेलू हिंसा को क्राइम नहीं माना जाता है। वर्तमान में पकिस्तान में स्त्रियों की हालत का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि पिछले साल ही पाक में 1100 मामले महिलाओं की ऑनर किलिंग के थे तथा आत्महत्या के मामले भी कम नहीं थे। पिछले साल महिलाओं के खिलाफ 8 हजार मामले दर्ज किए गए। पुलिस स्टेशन, अदालत और शिकायत प्रकोष्ठों में दर्ज घटनाओं के अनुसार, वर्ष 2008 से 2011 के बीच महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में 13 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
Bahut badhiya deepak
ReplyDeleteBahut badhiya deepak
ReplyDeleteok..धन्यवाद
ReplyDeleteधन्यवाद
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना.बहुत बधाई आपको . कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
ReplyDeletehttps://www.facebook.com/MadanMohanSaxena
धन्यवाद
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